एम. एच. जकारिया
छत्तीसगढ़ की राजधानी में 24 से 26 फरवरी तक चला कांग्रेस का तीन दिवसीय महाधिवेशन खत्म हो गया हैं। प्रदेश में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में सीएम बघेल ने पार्टी के भीतर अपना कद बढ़ाकर अगले चुनाव में कांग्रेस के मुख्यमंत्री का चेहरा होने का दावा ठोक दिया है। अधिवेशन का सफल आयोजन कर बघेल न केवल कांग्रेस पार्टी के शक्तिशाली नेताओं में शामिल हुए, बल्कि अपने राजनैतिक विरोधियों पर भी भारी पड़ते दिखे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जिस तरह से गुलाब की पंखुड़ियों बिछाकर पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी का स्वागत करवाया, वह कई सियासी संदेश दे रहा हैं। भविष्य में दोनों नेताओं की पार्टी में भूमिका बढ़ सकती है। ऐसे कयास लगाए जा रहे है कि इस अधिवेशन में प्रियंका और बघेल की जोड़ी को साथ आगे बढ़ने के संकेत दिखा रहे है। क्योंकि दोनों नेताओं की जोड़ी इससे पहले हिमाचल प्रदेश में कमाल दिखा चुकी है। वहीं, यूपी चुनाव में भी प्रियंका बतौर प्रभारी और बघेल वरिष्ठ पर्यवेक्षक के नाते साथ काम कर चुके हैं। छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों में प्रियंका गांधी की भूमिका बढ़ सकती है।
आगामी 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्दे नज़र भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का , 85 वा राष्ट्रीय अधिवेशन छत्तीसगढ़ की राजधानी मे सामपंन हुआ!
कांग्रेस का 85वां राष्ट्रीय अधिवेशन कई मायनों में महत्वपूर्ण है। लोकतंत्र और लोकतांत्रिक संस्थाओं पर लगातार हो रहे हमलों से यह खतरा पैदा हो गया है कि कहीं 1947 में मिली आजादी के समय देखे गए सपने बेमानी न साबित हो जाएं। रायपुर अधिवेशन इस भयावह खतरे से निबटने के लिए रास्ता तैयार कर सकता है।
छत्तीसगढ़ के रायपुर में कांग्रेस ने अपने 85वें राष्ट्रीय अधिवेशन में ईवीएम, चुनावी बांड समेत कुल 58 राजनीतिक संकल्प लिए. अधिवेशन में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से कहा कि कांग्रेस नफरत की राजनीति और हिंसा से मुकाबला करेगी, पारदर्शिता और जवाबदेही के माध्यम से भ्रष्टाचार से लड़ेंगी, भारत की सुरक्षा को मजबूत करेगी और पर्यावरण की रक्षा करेगी.
उन्होंने कहा कि एमएसएमई के जरिए रोजगार, महंगाई पर लगाम, आर्थिक असमानता खत्म करने, अन्नदाताओं को भूखे पेट न सोना पड़े, गरीब-आदिवासियों को समान अवसर देने, लोगों के अधिकारों और लोकतंत्र की रक्षा करना हमारा लक्ष्य है.
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का 85वां पूर्ण अधिवेशन ऐसे समय में हो रहा है जब संविधान पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। केंद्रीय सत्ता पर क़ाबिज़ भारतीय जनता पार्टी की सरकार के तौर-तरीक़ों ने यह चिंता बढ़ा दी है कि कहीं लोकतंत्र को वास्तविक अर्थों में संभव बनाने वाली तमाम संस्थाएं बेमानी तो नहीं हो जाएंगी। कार्यपालिका के बारे में तो कहना ही क्या, मीडिया की आज़ादी की हालत पर भी पूरी दुनिया में चर्चा हो रही है। हद तो ये है कि अब न्यायपालिका भी निशाने पर है। केंद्रीय मंत्रियों की तरफ़ से आये दिन न्यायपालिका की ओर उछाली जा रही चुनौतियां एक भयावह ख़तरे की ओर इशारा कर रही हैं। कुल मिलाकर जब देश आज़ादी के 75वें वर्ष में ‘अमृत महोत्सव’ मना रहा है, आज़ादी की लड़ाई के देखे गये तमाम सपने मरणासन्न नज़र आ रहे हैं।
मोदी सरकार पर हमले की तैयारी में कांग्रेस
कांग्रेस का रायपुर अधिवेशन ऐसे वक़्त में हो रहा है जबकि सबसे बड़े ‘धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र’ के रूप में ही भारत की प्रतिष्ठा दांव पर नहीं है, इसकी आर्थिक तरक्की की कहानी भी संदिग्ध हो उठी है। हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट ने सरकार और गौतम अडानी की जुगलबंदी के नीचे पल रहे याराना पूंजीवाद (क्रोनी कैपिटलिज़्म) के प्रेत को बेपर्दा कर दिया है। महज़ एक फ़ीसदी लोगों के पास देश की 40 फ़ीसदी सम्पत्ति पहुंच जाने की कहानी इसी जुगलबंदी का नतीजा है। जबकि समाजवाद संविधान की प्रस्तावना का हिस्सा है जिसका इतना अर्थ तो हमेशा ही माना गया कि अमीर-ग़रीब की खाई पाटना राज्य की संवैधानिक ज़िम्मेदारी है।
कांग्रेस देश में लोकतांत्रिक अधिकारों के हनन को लेकर मोदी सरकार पर बेहद आक्रामक हमला करेगी। कांग्रेस ने एलान किया है कि वह अपने राजनीतिक प्रस्ताव में देश में अघोषित आपातकाल होने की बात उठाएगी। विपक्ष की एकजुटता की चर्चाओं के बीच कांग्रेस ने ताजा घटनाक्रम के मद्देनजर स्पष्ट किया है कि भाजपा के साथ पर्दे के पीछे से सहयोग का खेल खेलने वाले दलों को विपक्षी गठबंधन में दोहरा दांव खेलने का मौका नहीं मिलेगा। कई प्रस्ताव होंगे पारित बताया जा रहा है कि अधिवेशन में राजनीतिक प्रस्ताव सबसे अहम होगा जिसमें विपक्षी गठबंधन की तस्वीर को लेकर पार्टी का रुख स्पष्ट किया जाएगा। आखिरी दिन पांच सूत्री घोषणा के रूप में 2024 के लिए रोडमैप का एलान होगा। महा अधिवेशन के दौरान 25 फरवरी को राजनीतिक, आर्थिक और अंतरराष्ट्रीय विषय पर प्रस्ताव पारित किए जाएंगे।
ईडी के छापे भी छत्तीसगढ़ सरकार को असुरक्षित नहीं कर सकी
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन से पहले ईडी के छापे को लेकर छत्तीसगढ़ कांग्रेस हमलावर हो गई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र की भाजपा पर जमकर हमला बेाला। उन्होंने कहा, रायपुर में होने वाली कांग्रेस की राष्ट्रीय महाधिवेशन से भाजपा डर गई है, इसलिए उसकी तैयारियों को रोकने की कोशिश की जा रही है। लेकिन कार्यकर्ताओं के हौसले को तोड़े नहीं जा सकते हैं। उन्होंने कहा, कांग्रेस ऐसी पार्टी है जो अंग्रेजों से नहीं डरी तो भाजपा से क्या डरेगी। छत्तीसगढ़ सरकार का डंका पूरे देश में बज रहा है।