नई दिल्ली : भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्लयूएफआई) अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ जहां एक और पहलवान जंतर मंतर पर धरने पर बैठे हुए हैं। वहीं इस मामले में अदालती कार्रवाई भी जारी है। महिला पहलवानों ने ब्रजभूषण पर यौन शोषण के भी आरोप लगाये थे और कहा था कि पीड़ितों में एक नाबालिग पहलवान भी है। इसी को लेकरदिल्ली पुलिस ने एक एफआईआर भी दर्ज की थी। इसी के चलते गत दिवस दिल्ली पुलिस ने नाबालिग महिला पहलवान का बयान भी अदालत में दर्ज कराया। मजिस्ट्रेट को बयान दर्ज करने के पहले यह सुनिश्चित करना होता है कि बयान देने वाला स्वेच्छा से बयान दे रहा है और उस पर किसी बात का कोई दबाव नहीं है। सीआरपीसी की धारा 164 के तहत गवाह का बयान एक सार्वजनिक दस्तावेज होता है जिसमें किसी तरह की औपचारिक प्रमाण की ज़रूरत नहीं होती है।
गौरतब है कि भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों ने 23 अप्रैल को जंतर मंतर पर धरना शुरू किया था। महिला पहलवानों का आरोप है कि बृजभूषण ने पहलवानों को धमकाते भी है। इसके अलावा भी कुश्ती महासंघ प्रमुख पर अन्य कई आरोप भी है। इस मामले में कई समाज सेवी और राजनीतिक दल भी पहलवानों के समर्थन में उतरे हैं। वहीं दूसरी ओर ब्रजभूषण ने कहा है कि उनके ऊपर लगाये सभी आरोप लगत हैं और ये सभी एक समूह के द्वारा लगाये गये हैं।