नई दिल्ली (एजेंसी )। दिल्ली विश्वविद्यालय की देर रात तक चली अकादमिक परिषद की बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए। अविभाजित भारत के मशहूर शायर और सारे जहां से अच्छा हिंदोस्तां हमारा लिखने वाले मोहम्मद अल्लामा इकबाल को स्नातक के राजनीति विज्ञान के सिलेबस से हटा दिया गया है। इसके अलावा विनायक दामोदर सावरकर का पूरा पेपर सिलेबस में जोड़ा गया है। इसे चौथे सेमेस्टर में पढ़ाया जाएगा। पहले यह छठे सेमेस्टर में पढ़ाया जाता था। लेकिन, उसका एक चैप्टर ही इसमें शामिल था। इसके अलावा महात्मा गांधी के पेपर को सातवें सेमेस्टर में डाल दिया गया है। पहले यह चौथे सेमेस्टर में था। इसके अलावा विनायक दामोदर सावरकर का पूरा पेपर सिलेबस में जोड़ा गया है। इसे चौथे सेमेस्टर में पढ़ाया जाएगा। पहले यह छठे सेमेस्टर में पढ़ाया जाता था। लेकिन, उसका एक चैप्टर ही इसमें शामिल था। इसके अलावा महात्मा गांधी के पेपर को सातवें सेमेस्टर में डाल दिया गया है। पहले यह चौथे सेमेस्टर में था। मुस्लिम लीग की शुरुआत करने में उनकी अहम भूमिका थी। भारत के विभाजन के लिए जिन्ना की तरह वे भी जिम्मेदार हैं। शिक्षक संगठन एनडीटीएफ के सदस्य और अकादमिक परिषद की बैठक में शामिल प्रो. हरेंद्र तिवारी ने कहा, भारत में नायकों को कमी नहीं है। देश के विभाजन के लिए जिम्मेदार लोगों को भारत में पढ़ाना उचित नहीं था।