भोपाल : गिरोह ने ठगी के लिये खुलवा रखे थे कई बैंक खाते, गैंग के दो शातिर वैद्य और असिस्टेंट बनकर इलाज करने जाते थे पीड़ीतो के घर
क्राइम ब्रांच भोपाल टीम ने बीते दिनो आयुर्वेदिक ईलाज के नाम पर पिपलानी में रहने वाले बैंक के रिटायर्ड मैनेजर से 42 लाख 73 हजार रुपये की ठगी करने वाले गिरोह के एक आरोपी को जोधपुर से गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। राजस्थान के जोधपुर का यह गिरोह वृद्ध बीमार महिलाओ को अपना निशाना बनाता और उनसे मिलकर इलाज के बाद उनकी बीमारी पूरी तरह दूर करने का झांसा देकर रकम ऐंठ कर रफूचक्कर हो जाता था।
* ऐसे बनाया था रिटायर्ड मैनेजर को अपना शिकार
क्राइम ब्रांच अफसरो ने बताया कि पिपलानी में रहने वाले 75 वर्षीय रिटायर्ड बैंक मैनेजर राकेश मोहन विरमानी ने लिखित शिकायत करते हुए बताया कि उनकी पत्नि ऑर्थराइटिस की बीमारी से पीड़ीता है, और पैर में तकलीफ होने के कारण लंगड़ा कर चलती हैं। एक महीने पहले वह पत्नि के साथ कॉलोनी के पास टहल रहे थे। तभी एक युवक उनके पास आया और एक डॉक्टर के इलाज से पूरी तरह बीमारी ठीक होने की बात कहते हुए उन्हें डॉक्टर का नंबर दे दिया। उस नंबर पर बातचीत करने के बाद एक डॉक्टर वृद्व के घर पहुंचा, और उनकी पत्नी को देखकर कहा कि वह उनकी बीमारी को गारंटी के साथ ठीक कर देगा। इसके लिये वह सिरिंज से मुंह से पैर से खून निकालेगा, लेकिन एक बार खून निकालने के 6 हजार रुपए लगेंगे।
फरियादी तैयार हो गए तब डॉक्टर ने कई बार खून खींचने का 24 लाख रुपए का बिल फरियादी को दे दिया। फरियादी ने यह रकम दे दी। जालसाज ने कहा कि पूरी तरह से आराम पाने के लिए एक क्रीम लेनी होगी, वरना उनके 24 लाख की रकम जो इलाज में खर्च की है, बेकार चली जायेगी। फरियादी ने उसके दिये गये फोन नबरं पर क्रीम खरीदने के लिए फोन लगाया तब क्रीम और दवा देते हुए उनसे 10 लाख रुपए और ठग लिए। बाद में पत्नी को तकलीफ होने पर फरियादी ने कथित डॉक्टर को फोन लगाया तो सभी फोन बंद आने लगे। इसके बाद ठगी का अहसास होने पर फरियादी ने क्राइम ब्रांच में शिकायत की। जांच के बाद पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला कायम कर फोन नंबरो के आधार पर ठगो की जानकारी जुटाने के प्रयास शुरु कर दिये।
* ऐसे पकड़ में आया ठग
पड़ताल के दौराने पता चला कि जिस खाते में राशि जमा हुई थी, वह जोधपुर निवासी एक व्यक्ति का है, वहीं मोबाइल की पड़ताल भी जोधपुर की और ही इशारा कर रही थी। इसके बाद टीम को राजस्थान रवाना किया गया। जोधपुर राजस्थान पहुचकर पुलिस टीम ने खाता धारक आरोपी विशाल पिता मेघदान निवासी लूनावास चारनां थाना झवर जिला जोधपुर की तलाश की लेकिन वह नहीं मिला। इसके बाद अन्य खाता धारक आरोपी सावर लाल जाट पिता हनुमान सहाय की तलाश की गई, जिसे कड़ी मशक्कत कर टीम ने ब्लू सिटी मॉल के सामने थाना रातानाडा जिला जोधपुर से दबोच लिय।
उसकी पहचान सावर लाल जाट पिता हनुमान सहाय 27 साल निवासी वार्ड न. 14 ढाणी पीपली नायन थाना आमरसर जिला जयपुर हाल निवासी थाना रातानाडा जोधपुर के रुप में हुई। आरोपी ग्रेजुएट तक पढ़ा है, और गार्ड की नौकरी करता है। शुरुआती पूछताछ में आरोपी ने इलाज के नाम पर भोपाल में ठगी की वारदात को अंजाम देने का खुलासा किया। टीम ने उसके पास से दो चेक बुक, आधार कार्ड एवं मोबाइल फोन जप्त किये है।
* ऐसे करते थे ठगी की वारदाते
पूछताछ में शातिर ठग सावर ने बताया कि उनका करीब सात लोगो का एक गिरोह है। वह और उसके दो-तीन साथी जोधपुर में रहते है, बाकी सदस्य भोपाल आकर आउटर इलाको में निवास करते है, और दिन एवं शाम के समय बड़े होटल एवं रेस्टोरेंट के पास जाकर बुजुर्ग या ऐसी महिलाये जिनको चलने में तकलीफ होती है, उन्हें टारगेट कर उनके पास जाकर उन्हें कहते कि मेरी माँ को भी पैरों में तकलीफ थी, जिसका इलाज मैने वैद्य से कराया है, जिससे उनकी बीमारी दूर हो गई है।
महिलाये बीमारी से काफी तकलीफ में रहने के कारण उनके साथी से वैद्य का पता मांगती, जिसपर आरोपी उन्हें अपने ही साथी का फोन नंबर दे देता था। इसके बाद फरियादी द्वारा बात करने पर जालसाज अपने अन्य साथी के साथ वैद्य बनकर पीड़ित के घर पहुचते और मरीज का चेकअप कर कहते कि उसके पैर में जहर फैल गया है, जिसे एक विशेष यंत्र के जरिये से बाहर निकालना होगा। जहर निकालने की प्रक्रिया करीब तीन-चार सौ बार करनी होगी और एक बार का चार्ज 6 हजार रुपये लगेगा।
फरियादी बैक मैनैजर के भी तैयार होने पर गैंग का सदस्य वैद्य बनकर आया और पीड़ित महिला के पैरो में फनलनुमा यंत्र के जरिये से मवाद जैसी चीज निकाली, जो सफेद जैली पदार्थ जैसा दिखता था, ठग इसे जहर बताया, इससे पीड़ित महिला को आराम महसूस हुआ। इस तरह गिरोह ने चार सौ बार यह प्रक्रिया की और पीड़ित से कूछ रकम उसके द्वारा घर पर ही ले ली, बाकी की 21 लाख की रकम अपने गैंग के सदस्यों के एकांउट में आरटीजीएस करा ली। गिरोह के वैद्य बने ठग ने आयुर्वेदिक दवाओं के लिये पीड़ित को संजीवनी आयुर्वेदिक भंडार नई दिल्ली का पता दिया और दवा कोरियर के जरिये से मंगाने के लिये कहा।
जॉच मे सामने आया कि आरोपी ने जो नंबर संजीवनी आयुर्वेद भंडार का बताया गया था, वह राजस्थान का था, जिस पर फोन करने पर भी गैंग के दूसरे सदस्यों ने नकली दवायें पीड़ित को राजस्थान से कोरियर की जिसके बदले में लगभग 10 लाख रुपये खातों में जमा करवाये गये है। रकम के खाते में आते ही उसे निकाल लेता था। पुलिस गिरफतार जालसाज से पूछताछ कर उसके अन्य साथियों और वारदातो के बारे में जानकारी जुटा रही है।
(मीडिया इनपुट )
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