Dharma Karma: अक्सर सभी लोग एक प्रश्न पूछते हैं कि क्या भंडारे या लंगर का प्रसाद खाना चाहिए। विद्वान आचार्य इस प्रश्न का अलग-अलग उत्तर देते हैं। कुछ के अनुसार इसमें अवश्य खाना चाहिए क्योंकि यह देवता का प्रसाद होता है। जबकि कुछ आचार्य इसे खाने से निषेध करते हैं।
इसलिए लगाए जाते हैं भंडारे (Dharma Karma)
ऐसे आचार्यों के अनुसार धनी लोग धार्मिक स्थलों पर भंडारे या लंगर का आयोजन करते हैं। ऐसा करते समय वे वहां आने वाले असहाय तथा निर्धन लोगों की सुविधा का ध्यान रखते हुए उन्हें भोजन उपलब्ध कराते हैं। निर्धन लोगों को भोजन कराकर वे अखंड पुण्य कमाना चाहते हैं।
इस स्थिति में कहा जा सकता है कि ऐसे भंडारे उन लोगों की सहायता के लिए होते हैं जो निर्धन है, तथा भोजन नहीं खरीद सकते हैं। वे लोग इनमें जाकर अपना पेट भर सकते हैं। परन्तु यदि हमारे जैसा कोई सक्षम व्यक्ति ऐसे भंडारों में जाकर भोजन करेगा तो वह निश्चित रूप से उन लोगों के हिस्से का भोजन खाएगा। सरल शब्दों में कहे तो आपकी वजह से एक निर्धन, गरीब को भूखा रहना पड़ सकता है।
आपको भी यथाशक्ति भंडारे में सहयोग देना चाहिए
इसी वजह से भंडारों में खाना नहीं खाना चाहिए, विशेषकर जब आप सक्षम हों। वरन आपको भंडारों में अपनी यथाशक्ति सहायता देनी चाहिए। यदि धन नहीं दे सकते है तो आप वहां पर सेवा भी कर सकते हैं। धनराशि देने या सेवा करने के पश्चात वहां भोजन करने में कोई दोष नहीं लगता है वरन आप भी गरीबों को खाना खिलाने के पुण्य के भागी बनते हैं।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। खुलासा पोस्ट न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।