हीरो से भी ज्यादा फीस लेने वाले कॉमेडियन महमूद अली एक समय में कोईभी फिल्म उनके बिना अधूरी समझी जाती थी !
उनकी यादगार फिल्मों में कुछ हैं- भूत बंगला, पड़ोसन, बॉम्बे टू गोवा, गुमनाम, कुंवारा बाप। उन्होंने अपने दौर के लगभग सभी अभिनेता और अभिनेत्रियों के साथ काम किया। उनकी लोकप्रियता का आलम कुछ ऐसा था कि उन्हें फिल्म के लीड हीरो से भी ज्यादा फीस ऑफर होती थी। वो अकेले ऐसे एक्टर थे, जो दर्शकों को अपनी एक्टिंग से खूब हंसाते और खूब रुलाते भी थे। चलिए महमूद के जन्मदिन पर एक नजर उनके जीवन पर…

अभिनेता के तौर पर काम से पेहले वे छोटे मोटे काम करते थे, वाहन चलाने का काम भी करते थे। उस ज़माने में मीना कुमारी को टेबल टेनिस सिखाने के लिये उन्हे नौकरी पर रक्खा गया था। बादमें उन्होने मीना कुमारी की बहन मधु से शादी की। शादी करने और पिता बनने के बाद ज़्यादा पैसे कमाने के लिये उन्होने अभिनय करने का निश्चय किया। शुरुआत में उन्होने “दो बीघा ज़मीन” और “प्यासा” जैसी फ़िल्मों में छोटे मोटे पात्र निभायें। महमूद को फ़िल्मों में पहला बड़ा ब्रेक फ़िल्म परवरिश (1958) में मिला था। इसमें उन्होंने फ़िल्म के नायक राजकपूर के भाई का किरदार निभाया था। बाद में उन्होंने फ़िल्म गुमनाम में एक दक्षिण भारतीय रसोइए का कालजई किरदार अदा किया। उसके बाद उन्होंने “प्यार किये जा प्यार ही प्यार, ससुराल, लव इन टोक्यो और जिद्दी जैसी हिट फ़िल्में दीं। बाद में उन्होंने कुछ फ़िल्मों में मुख्य भूमिका भी निभाई लेकिन दर्शकों ने उन्हें एक कॉमेडियन के तौर पर ज्यादा पसंद किया।

महमूद ने बाद में अपना स्वयं का प्रोडक्शन हाउस खोला। उनकी पहली होम प्रोडक्शन फ़िल्म छोटे नवाब थी। बाद में उन्होंने बतौर निर्देशक सस्पेंस-कॉमेडी फ़िल्म भूत बंगला बनाई। उसके बाद उनकी फ़िल्म पड़ोसन 60 के दशक की जबर्दस्त हिट साबित हुई। पड़ोसन को हिंदी सिने जगत की श्रेष्ठ हास्य फ़िल्मों में गिना जाता है। अपनी अनेक फ़िल्मों में वह नायक के किरदार पर भारी नजर आए।

अभिनेता, निर्देशक, कथाकार और निर्माता के रूप में काम करने वाले महमूद ने शाहरुख खान को लेकर वर्ष 1996 में अपनी आखिरी फ़िल्म दुश्मन दुनिया का बनाई लेकिन वह बॉक्स ऑफिस पर नाकाम रही।

लेखक मनमोहन मेलविले ने अपने एक लेख में महमूद और किशोर के दिलचस्प किस्से को बयान किया है। इसमें कहा गया है कि महमूद ने अपने कॅरियर के सुनहरे दौर से गुजर रहे किशोर से अपनी किसी फ़िल्म में भूमिका देने की गुजारिश की थी लेकिन महमूद की प्रतिभा से पूरी तरह वाकिफ किशोर ने कहा था कि वह ऐसे किसी व्यक्ति को मौका कैसे दे सकते, जो भविष्य में उन्हें चुनौती देने का माद्दा रखता हो। इस पर महमूद ने बड़े दिलचस्प जवाब में कहा एक दिन मैं भी बड़ा फ़िल्मकार बन जाउूंगा और आपको अपनी फ़िल्म में भूमिका दे दूंगा। महमूद अपनी बात के पक्के साबित हुए और आगे चलकर अपनी होम प्रोडक्शन फ़िल्म पड़ोसन में किशोर को रोल दिया। इन दोनों महान कलाकारों की जुगलबंदी से यह फ़िल्म बॉलीवुड की सबसे विलक्षण कॉमेडी फ़िल्म बनकर उभरी।

अमिताभ के गॉडफादर महमूद
महमूद अली को एक बेहतर कलाकार के साथ ही साथ बेहतर इंसान के तौर पर भी याद किया जाता है. यही वजह है कि बॉलीवुड के सुपरस्टार अमिताभ बच्चन भी महमूद को अपना गॉडफादर कहा करते हैं. इसके पीछे की कहानी यह है कि जब इंडस्ट्री में अमिताभ को कोई जानता भी नहीं था तब महमूद ने अपने घर पनाह देकर उन्हें कई फिल्मों में काम दिलवाया. यही नहीं महमूद ने अमिताभ (Amitabh Bachchan) के खाने और रहने का इंतजाम भी किया था. अपने आखिरी के दिनों में भी एक वीडियो जारी कर महमूद ने अमिताभ को अपना बेटा बताया था.

अपने जीवन के आखिरी दिनों में महमूद का स्वास्थ्य खराब हो गया। वह इलाज के लिए अमेरिका गए जहां 23 जुलाई 2004 को उनका निधन हो गया।

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