दिल्ली के जंतर-मंतर पर न्याय के लिए लड़ रहीं बहादुर महिला पहलवानों से मिलने पहुंचीं कांग्रेस महासचिव Priyanka Gandhi Vadra जी।
ये खिलाड़ी हमारा मान हैं। ये देश के लिए मेडल जीतती हैं। पूरा देश उनके साथ है। इनको न्याय मिले – पूरा देश ये चाहता है।
ये किसान परिवारों की बेटियाँ हैं। ज्यादातर खिलाड़ी सब मिडिल क्लास के परिवारों से आते हैं। सबने बहुत संघर्ष किया, बहुत कुछ सहा और अपनी मेहनत और प्रतिभा से अपने देश और परिवार का नाम ऊँचा किया।
इसमें कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए। आज हम सबकी ज़िम्मेदारी है कि इनका दर्द समझें। जो मेन बात ये कह रही हैं उसे समझे। ये बेटियाँ देश का गौरव हैं। अगर इनकी नहीं सुनेंगे तो किसकी सुनेंगे। दुनिया के पहलवानों को हराने वाली ये लड़कियाँ क्या अपने देश में सिस्टम से हार जायेंगी?
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आज ये दूसरी बार धरने पर बैठी हैं। कई खिलाड़ियों ने बोला है, शिकायत की है कि उनके साथ गलत किया जाता है। कम उम्र की बच्चियों के साथ गलत हुआ है। ये बहुत बड़ी बात है। अगर इनके साथ न्याय नहीं हुआ तो हज़ारों लड़कियों का हौसला और भरोसा टूट जायेगा।
जब ये खिलाड़ी पोडियम पर चढ़ते हैं, जब ये ओलंपिक के अखाड़े में उतरते हैं। बड़े बड़े देशों के पहलवानों से (जिनको कई बार इनसे अच्छी सुविधाएँ मिलती हैं) लड़ते हैं, उन्हें पछाड़ते हैं तो इनके संघर्ष में, इनकी हार और जीत में पूरा देश इनके साथ खड़ा होता है।
हजारों लड़के और लड़कियाँ इनको देखकर प्रेरणा पाते हैं कि हम भी कर सकते हैं, हम भी करेंगे। मेहनत करेंगे और देश का नाम ऊँचा करेंगे।
हमारे ये खिलाड़ी आज सड़क पर हैं। ये लड़कियाँ आज सड़क पर हैं। इनके साथ गलत किया है एक बड़े नेता ने। एक बड़े पदाधिकारी ने। सरकार तीन महीने से उसे क्यों बचा रही है?
जब ये मेडल लाती हैं तो पीएम इन्हें घर बुलाते हैं। पूरी मीडिया को इवेंट दिखाते हैं। फोटोसेशन करवाते हैं। कहते हैं विनेश तो मेरे परिवारी वाली है। आज विनेश, हमारी ये बेटियाँ इंसाफ माँग रही हैं, यहाँ खुले आसमान के नीचे बैठी हैं, मच्छर काट रहे हैं, पुलिस ने बिजली काट दी, तख़्त नहीं लगाने दे रहे – आख़िर ये कैसी सरकार है, कैसे प्रधानमंत्री हैं कि जिसको अपने परिवार की बतायें – उनके सम्मान की , उनकी गरिमा की रक्षा भी नहीं कर सकते।
एक बाहुबली के आगे, माफिया के आगे, आरोपी के आगे पूरी सरकार नतमस्तक है।