वरिष्ठ पत्रकार राजकुमार सोनी
कोरोना महामारी के दौरान एक मूर्ख शिरोमणि के फैसलों के चलते देश के आमजन को भयंकर किस्म की त्रासदी का सामना करना पड़ा था. यह त्रासदी अब भी कम नहीं हुई है. इसके साइड इफेक्ट अब भी दिखाई दे रहे हैं. आमजन की पीड़ा को खुद की पीड़ा मानने वाले एक निर्देशक अनुभव सिन्हा ने राजकुमार राव और जमीन से जुड़े कुछ बेहतरीन कलाकारों को लेकर फिल्म ‘ भीड़ ‘ का निर्माण किया है. जैसे ही इस फिल्म का ट्रेलर रिलीज हुआ वैसे ही नारंगी और नफ़रती गैंग के टुच्चे सक्रिय हो गए. बॉयकॉट गैंग और ट्रोलरों के चलते फिल्म का अधिकारिक ट्रेलर हटा दिया गया था, लेकिन अब इसे थोड़े से बदलाव के बाद फिर से जारी कर दिया गया है.
नफ़रती चिन्टुओं को कला-साहित्य और संस्कृति के मूल स्वरूप की रत्ती मात्र भी जानकारी नहीं है इसलिए उन्हें भी नहीं मालूम है कि सांस्कृतिक प्रतिरोध कितना कारगर होता है?
बॉयकॉट गैंग फिल्म पठान को सिर्फ इसलिए ही फ्लाप करने पर आमादा था कि शाहरुख खान एक मुसलमान है. देश की अमन पसंद जनता ने पठान को पलकों पर बिठाकर यह साबित कर दिया है कि यह देश दो कौड़ी के नारंगी संतरों और उनके फैसलों का गुलाम नहीं है. मुझे लगता है कि सुधि दर्शक भीड़ को देखने थियेटर तक अवश्य जाएंगे.अनुभव सिन्हा ने आर्टिकल 15, मुल्क और थप्पड़ जैसी शानदार फिल्में बनाई है. मैं तो फिल्म भीड़ को अवश्य देखूंगा.