कोरबा : कोयला खदान की उत्पादन क्षमता बढ़ाने और अगले 5 से 10 साल के लिए लैंड बैंक तैयार करने की एसईसीएल की मेगा प्रोजेक्ट खदानों की तैयारी के बीच माइंस प्रभावित उन 12 गांवों के भू-विस्थापितों ने कोल इंडिया पॉलिसी का एक सुर में विरोध किया है, जिनकी जमीन के अधिग्रहण की योजना है।
हुई बैठक में भू-विस्थापितों ने एकजुटता दिखाई। रोजगार, बसाहट दिए बगैर मकानों की नापी का मुद्दा भी उठाया और इस पर भू-विस्थापितों ने नाराजगी जाहिर की।-एसईसीएल कुसमुंडा व गेवरा एरिया प्रबंधन भविष्य में जमीन की कमी न हो इसके लिए लैंड बैंक बनाने की तैयारी में जुटी है। ग्राम रिसदी, खोडरी, चुरैकोरबा (ईएमएस) कोयला खदान की उत्पादन क्षमता बढ़ाने और अगले 5 से 10 साल के लिए लैंड बैंक तैयार करने की एसईसीएल की मेगा प्रोजेक्ट खदानों की तैयारी के बीच माइंस प्रभावित उन 12 गांवों के भू-विस्थापितों ने कोल इंडिया पॉलिसी का एक सुर में विरोध किया है,
जिनकी जमीन के अधिग्रहण की योजना है। हुई बैठक में भू-विस्थापितों ने एकजुटता दिखाई। रोजगार, बसाहट दिए बगैर मकानों की नापी का मुद्दा भी उठाया और इस पर भू-विस्थापितों ने नाराजगी जाहिर की।-एसईसीएल कुसमुंडा व गेवरा एरिया प्रबंधन भविष्य में जमीन की कमी न हो इसके लिए लैंड बैंक बनाने की तैयारी में जुटी है। ग्राम रिसदी, खोडरी, चुरैल, पड़निया, सोनपुरी, जटराज, पाली, सोनुपुरी, अमगांव, बाता, भलपहरी, गेवरा सहित लगभग 12 गांवों की जमीन अधिग्रहण की तैयारी है। इन गांवों के भू-विस्थापितों की ग्राम खोडरी में बैठक हुई। गांव के नजदीक खदान होने से ब्लास्टिंग से हो रही परेशानी की ओर प्रबंधन का ध्यान आकृष्ठ कराने के बाद भी पहल नहीं होने पर गहरी नाराजगी जताई।
-मुआवजा राशि में अंतर के विवाद का उठा मुद्दा
भू-विस्थापितों की बैठक में उन्हें दी जा रही मुआवजा राशि में अंतर के विवाद का भी मुद्दा उठाया। ग्रामीणों ने बताया कि एसईसीएल प्रबंधन खेत व मकान की मुआवजा राशि की अलग-अलग दर तय करती है। उनकी मांग है कि मुआवजा राशि उचित व एक समान हो। कोयला खनन के दौरान ब्लॉस्टिंग से उड़ते कोल डस्ट से परेशानी व जलस्तर नीचे चले जाने से पीने के पानी की समस्या पर ठोस पहल नहीं होने पर बैठक में नाराजगी सामने आई।
ल, पड़निया, सोनपुरी, जटराज, पाली, सोनुपुरी, अमगांव, बाता, भलपहरी, गेवरा सहित लगभग 12 गांवों की जमीन अधिग्रहण की तैयारी है। इन गांवों के भू-विस्थापितों की ग्राम खोडरी में बैठक हुई। गांव के नजदीक खदान होने से ब्लास्टिंग से हो रही परेशानी की ओर प्रबंधन का ध्यान आकृष्ठ कराने के बाद भी पहल नहीं होने पर गहरी नाराजगी जताई।
-मुआवजा राशि में अंतर के विवाद का उठा मुद्दा
भू-विस्थापितों की बैठक में उन्हें दी जा रही मुआवजा राशि में अंतर के विवाद का भी मुद्दा उठाया। ग्रामीणों ने बताया कि एसईसीएल प्रबंधन खेत व मकान की मुआवजा राशि की अलग-अलग दर तय करती है। उनकी मांग है कि मुआवजा राशि उचित व एक समान हो। कोयला खनन के दौरान ब्लॉस्टिंग से उड़ते कोल डस्ट से परेशानी व जलस्तर नीचे चले जाने से पीने के पानी की समस्या पर ठोस पहल नहीं होने पर बैठक में नाराजगी सामने आई।
#coalindia #nifty #coal #sensex #stockmarket #nse #hdfc #trading #bse #coalmines #ntpc #stocks #india #coalmining #sharemarket #reliance #investment #stockmarketindia #tcs #news #intraday #coalindialimited #tatapower #sensextoday #investing #tatamotors #airtel #ipo #ongc #powergrid #bajajfinance #relianceindustries #techmahindra #jharkhand #money #mining #indianstockmarket #infosys #instagram #mumbai #stockmarketnews #parasdefence #parasdefenceipo #bigbilliondays #topgainers #hdfcbank #mines #sbi #piramalenterprises #bhartiairtel #amazongreatindianfestival #stockmarketinvesting #dhanbad #greymarketpremium #coalminer #coalkings #sunpharma #adani #ncl #psu