शायद हमें यह बताने की जरूरत नहीं कि अब देश में ट्रांसजेंडर्स की पहचान बदल रही है। वे धार्मिक अखाड़ों के प्रमुख से लेकर न्यूज एंकर, नौकरी, पॉलिटिक्स और बिजनेस में भी नाम कमा रही हैं। इन्हीं में से एक हैं पटना की ट्रांसजेंडर मोनिका दास। बता दें कि मोनिका देश की पहली ट्रांसजेंडर बैंकर हैं। उनकी उम्र 25 साल है। वे पटना के हनुमान नगर स्थित सिंडिकेट बैंक में क्लर्क हैं। अक्टूबर 2015 में उन्होंने बैंक ज्वाइन किया था। उनके अफसर भी मानते हैं कि वे एक क्लर्क के तौर पर बेहतरीन काम कर रही हैं।

कभी नहीं मानी हार

एक समय था जब पटना की मोनिका दास के घर वालों को उनसे शर्म आती थी। मोनिका के ट्रांसजेंडर (Transgender) होने के कारण उनसे कोई दोस्ती नहीं करता था। उन्हें बुली किया जाता था। पर मोनिका ने कभी हार नहीं मानी है। अपनी मेहनत के बल पर मोनिका देश की पहली महिला ट्रांसजेंडर बैंकर और स्टेट इलेक्शन कमीशन की आइकन बनीं। हमारे देश में जहां ट्रांसजेंडर्स के साथ एक जैसा व्यवहार नहीं किया जाता है, वहां मोनिका की कहानी एक प्रेरणा बनकर सामने आती है। एक समय था जब उनकी जिंदगी में भी कई तरह की मुश्किलें आई थीं, लेकिन उन्होंने सभी का डटकर सामना किया। पटना के हनुमान नगर स्थित सिंडिकेट बैंक (Syndicate Bank) में क्लर्क मोनिका दास अब एक नया इतिहास रचने वाली हैं।

विधानसभा चुनाव (Assembly Election) की पीठासीन पदाधिकारी मोनिका दास

ऐसा पहली बार हो रहा है जब किसी ट्रांसजेंडर को विधानसभा चुनावों में पीठासीन पदाधिकारी बनाया गया है। मोनिका दास एक बूथ की पूरी जिम्मेदारी संभालेंगी और उन्हें इसकी ट्रेनिंग भी दी जाएगी।

देखने में काफी सुंदर है मोनिका
मोनिका दिखने में काफी सुंदर हैं पर बचपन से ही उन्हें बहुत बुली किया जाता था। बचपन में चाल-ढाल और बोलचाल से वो लड़कों जैसी हरकतें करती थीं पर उनकी पर्सनालिटी लड़कियों जैसी थी। मोनिका ने बताया कि उन्हें बचपन में काफी जिल्लत झेलनी पड़ती थी। उनके क्लासमेट्स उनका मजाक उड़ाते थे। यही नहीं, उनके भाई भी उनसे नाराज रहते थे। यह सब झेलना उनके लिए किसी ट्रॉमा से कम नहीं था। वो स्कूल से घर आकर काफी रोती थीं, लेकिन फिर भी पढ़ाई से उन्होंने अपना मन नहीं हटाया। स्कूल के ट्रॉमा के साथ-साथ घर पर ताने किसी को भी परेशान कर सकते हैं। पर मोनिका ने इसके बाद हार नहीं मानी। उन्होंने पढ़ाई में अपना मन लगाया और सफलता के लिए मेहनत करने लगीं। नवोदय विद्यालय से 12वीं तक की पढ़ाई करने के बाद उन्होंने पटना यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया। मोनिका दास पटना लॉ कालेज से एलएलबी भी हैं। कॉलेज में उन्हें गोल्ड मेडल भी मिल चुका है।

2015 से राष्ट्रीय बैंक में कार्यरत

मोनिका के पिता भगवान दास ढोली सेल्स टैक्स अफसर थे और उनकी मां अनीमा रानी बीएसएनएल की रिटायर्ड एम्प्लॉई हैं। मोनिका के दोनों भाई प्राइवेट बैंक में नौकरी करते हैं। मोनिका 2015 से ही राष्ट्रीय बैंक में कार्यरत हैं।

बदल रहा है भारत !
यह सच है कि अब धीरे-धीरे हमारे समाज (society) में बदलाव आ रहा है। धारा 377 के हटने के बाद से ही धीरे-धीरे लोग अपनी सेक्सुअल ओरिएंटेशन को लेकर खुलासा कर रहे हैं। अब धीरे-धीरे लोग इस बारे में समझने की कोशिश कर रहे हैं। लोगों के लिए जजमेंट उनकी सेक्सुअल ओरिएंटेशन के हिसाब से नहीं होना चाहिए। यह फैक्ट समझने में शायद लोगों को कई साल लग जाएं। हम इस बात को ठुकरा नहीं सकते कि आज भी ट्रांसजेंडर्स और अलग सेक्सुअल ओरिएंटेशन वाले लोगों के साथ भेदभाव होता है।

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