हाशिम खान 

ग्रामीणों को जंगलों की ओर नहीं जाने व अफवाह से बचने की सलाह, बाघ के आने की खबर, हकीकत जानने वन विभाग जंगलों में लगा रहा है कैमरे

सूरजपुर : ओड़गी क्षेत्र के ग्राम पंचायत कालामांजन के जंगल में कुछ दिनों पूर्व बाघिन के हमले में दो ग्रामीणों की मौत हो गई थी, जबकि एक अन्य घायल हो गया था। वहीं इस संघर्ष के दौरान ग्रामीणों द्वारा किए गए टांगी के वार से बाघिन भी जख्मी हो गई थी। उसे रेस्क्यू टीम द्वारा काफी मशक्कत ट्रैंकुलाइज कर बेहतर उपचार हेतु रायपुर भेजा गया था।

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इस दहशत भरे घटनाक्रम के बाद अब फिर ग्राम कालामांजन, बांक, असुरा, ठरगी के जंगलों में बाघ के आने की खबरें लगातार उड़ रहीं हैं। लेकिन विभागीय अधिकारियों द्वारा अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। इस तरह की खबरें आने के बाद हकीकत जानने के लिए विभागीय अधिकारीर भी अब लगातार जंगलों की निगरानी करने लगे हुए हैं। साथ ही ग्रामीणों को जंगल की ओर जाने से मना किया जा रहा है, अफवाहों से भी बचने की अपील की जा रही है। इसी बीच असुरा, ठरगी के जंगल में पैरों के कुछ निशान मिले हैं।

लेकिन यह निशान किस जानवर के हैं, अभी तक विभागीय अधिकारी इस बात को कहने से बच रहे हैं। वन अमला जंगलों की निगरानी में जुटा है। जिस ओर जंगली जानवर के आने जाने की खबर है, उस ओर जगह-जगह पर कैमरा लगाए गए हैं। इससे भी नजर रखी जा रही है । ओड़गी क्षेत्र के वनांचल ग्रामों में एक ओर बाघ जैसे किसी जंगली जानवर की आहट के बाद ग्रामीणों में कई तरह की भ्रामक खबरें भी सुनने को मिल रहीं हैं। कई ग्रामीणों द्वारा यह कहा जा रहा है कि बाघ जंगल में अपने बच्चों के साथ घूम रहा है। कुछ ग्रामीण यह भी कर रहे हैं अगर बाघ होता तो जीव जंतु को नुकसान पहुंचाता, लेकिन अभी तक किसी प्रकार की ऐसी घटना सामने नहीं आई है। इससे ग्रामीणों के बीच संशय के साथ दहशत भी है। वन विभाग के कर्मचारियों द्वारा बताया गया कि हमारे द्वारा लगातार क्षेत्र की निगरानी की जा रही है परंतु अभी तक हमें एग्जैक्ट लोकेशन या बाघ के होने का कोई प्रमाण नहीं मिला है। इस कारण अभी हम कुछ भी कहने से परहेज कर रहे हैं। वहीं कई ग्रामीण बाघ के आने की बात कह रहे हैं। विभागीय अधिकारियों द्वारा जंगली जानवर की हकीकत जानने निगरानी के साथ ही संभावित स्थानों पर कैमरे भी लगाए दिए गए हैं।

कुदरगढ़ रेंज में डटे अधिकारी

बाघ के आने की खबर उड़ने के बाद विभाग के कई आला अधिकारी कुदरगढ़ रेंज में डटे हुए हैं। वाइल्ड लाइफ सीसीएफ, डीएफओ, कुदरगढ़ रेंजर, गुरु घासीदास रेंजर, तमोर पिंगला रेंजर एवं अन्य कर्मचारी लगातार सर्चिंग कर निगरानी कर रहे हैं। हर तरफ निगरानी की जा रही है। ग्रामीणों को भी सतर्क रहने के साथ ही अफवाहों से बचने की अपील की जा रही है।

कुदरगढ़ के रेंजर बोले- निगरानी में लगी है टीम

कुदरगढ़ रेंजर नरेंद्र गुप्ता ने कहा कि जंगल में पंजे के जो निशान मिले हैं, ऐसे पंजे बाघ के नहीं होते हैं। बाघ के पंजे गोल होते हैं और उसका नाखून अंदर की तरफ रहता है। जब बाघ किसी पर वार करता है तब उसका नाखून निकलता है। बाहर, सामान्य चलने में उसका पंजा हाथी के पंजे के समान रहता है। मिले पंजे के निशान का अंतर एक पैर से दूसरे पैर का 70 सेंटीमीटर आ रहा है, जबकि बाघ का 120 सेंटीमीटर होता है। ऐसे में अधिक संभावना है कि लकड़बग्घा होगा। लेकिन ग्रामीण बोल रहे हैं कि वह बाघ है। इसे मद्देनजर पूरा अमला निगरानी में लगा है और ट्रैकिंग कर रहे है।