छत्तीसगढ़ के बालोद जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय में कलेक्टर कुलदीप शर्मा का अनोखा अंदाज दिखाई दिया। अपनी समस्याओं को लेकर कई दिव्यांग मंगलवार को कलेक्ट्रेट पहुंचे थे। उन्हें देखकर कलेक्टर भी अपनी कुर्सी छोड़ उनके साथ जमीन पर बैठ गए। दिव्यांगों की समस्याएं सुनीं और फिर उप संचालक समाज कल्याण विभाग को बुलाकर सबके सामने फटकार लगाई। साथ ही दिव्यांगों को रोजगार देने की व्यवस्था भी कर दी।
वादा कर भूल गया विभाग
दरअसल, समाज कल्याण विभाग के माध्यम से दिव्यांगों ने तीन महीने तक सिलाई कार्य का प्रशिक्षण लिया था। इसमें उनको बताया गया था कि, प्रशिक्षण पूरा करने के बाद उन्हें प्रमाण पत्र दिया जाएगा। साथ ही स्कॉलरशिप और सिलाई मशीन भी मिलेगी। इसके करीब चार माह बीत गए, लेकिन दिव्यांगों को किसी तरह का लाभ नहीं मिला। इसके कारण दिव्यांग अपनी समस्या को लेकर सीधे कलेक्टर तक पहुंचाने के लिए कलेक्ट्रेट पहुंच गए।
बार-बार दिव्यांगों को लगवाया जा रहा था चक्कर
दिल्ली की संस्था के माध्यम से दिव्यांगों को प्रशिक्षण दिया गया था। इसके लिए जिले में समाज कल्याण विभाग को नोडल बनाया गया। दिव्यांगों ने बताया कि ट्रेनिंग पूरी होने के बाद जब उन्होंने बाकी चीजों के बारे में पूछा तो विभाग की ओर से कहा गया कि दिल्ली वाले बताएंगे। संस्था से बात करो तो कहा जाता है कि नोडल एजेंसी से पूछिए। इसके चलते सिर्फ चक्कर लगा रहे हैं। इससे परेशान हो गए तो कलेक्टर के पास शिकायत लेकर आए हैं।
कलेक्टर ने की रोजगार की व्यवस्था
जिला प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार, दिव्यांगों के लिए कलेक्टर ने तुरंत मशीन उपलब्ध कराने की बात कही है। साथ ही सभी दिव्यांग व्यक्तियों को सिलाई मशीन के साथ रोजगार उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया गया है। इसे लेकर काम शुरू हो चुका है। उपसंचालक समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने भी इसके बाद दिव्यांगों से चर्चा की और उन्हें रोजगार के लिए आश्वस्त किया है।