प्रभाकर ग्वाल- पूर्व CBI मजिस्ट्रेट

आज़ादी आंदोलन के दौरान जब देश मे कांग्रेस के खिलाफ सामान्य शिक्षित व्यक्ति में से कोई भी चुनाव लड़ने की कल्पना भी नही करते थे, तभी जब दोहरे निर्वाचन की बात आई कि एक सामाजिक प्रतिनिधित्व का चुनाव व क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व का चूनाव हो तो सबसे पहले गांधी जी ने अनशन कर सामाजिक प्रतिनिधित्व को लेने से रोक दिए हैं, जिसे पूना पैक्ट कहते हैं, इसलिए मैं कांग्रेस पार्टी को त्याग करता हूँ। और आप?

(पूना पैक्ट अथवा पूना समझौता भीमराव आम्बेडकर एवं महात्मा गांधी के मध्य पुणे की यरवदा सेंट्रल जेल में 24 सितम्बर, 1932 को हुआ था।

अंग्रेज सरकार ने इस समझौते को सांप्रदायिक पंचाट (कॉम्युनल एवार्ड) में संशोधन के रूप में अनुमति दी थी।

जिसे हम अज्ञानता, भ्रम, अदूरदर्शिता के कारण केवल दलित वर्ग के पृथक निर्वाचन के रूप प्रचारित कर मन को झूठी तशल्ली दे रहे है, जबकि हर वर्गों को उनके जनसंख्या के अनुपात में लोकसभा में प्रतिनिधित्व भेजने से कोई रोक नही हैं, ऐसे चुनाव कानून भी बनने चाहिए, तभी स्थिर, विश्वसनीय, वास्तविक व जीवित, लोकतंत्र बनेगा।)

जब तक समाज का प्रतिनिधि संसद में न हो, तब तक दलालों को ही नेता बनाकर समाज व देश को बर्बाद करते रहेंगे, जिसे हम कुल्हाड़ी का बेट, शिकारियों के तीतर कहकर तंज कस रहे हैं।

आरएसएस, भाजपा, आम आदमी पार्टी की ओर से समाज वर्ग की ओर से पृथक पृथक प्रतिनिधित्व देने के लिए कोई सोच भी उत्तपन्न नही होने दे रहे हैं, राज्यसभा में क्षेत्रीय प्रतिनिधि संबंधित जनसंख्या के अनुपात में व लोकसभा में हर जातिय वर्ग को उनके जनसंख्या के अनुपात में प्रतिनिधियों को चुनना अति आवश्यक है, सामाजिक व क्षेत्रीय आधार पर प्रतिनिधियों को चुनने के लिए आरएसएस, भाजपा, आम आदमी पार्टी, कांग्रेस कोई काम नही कर रही हैं, और इन्ही दलों के द्वारा समाज को, समाज के जातिय वर्ग के जनसंख्या के अनुपात संसद में प्रतिनिधित्व नही देना चाहते हैं, इसलिए आरएसएस, भाजपा, आम आदमी पार्टी, कांग्रेस पार्टी को भी त्याग करता हूँ? और आप?

हमारा इतिहास अच्छा या बुरा, जैसे भी रहा हो, रहा है, इतिहास को नही बदल सकते हैं, पर वर्तमान को ठीक करके भविष्य को उज्ज्वल व प्रभावकारी बनाया जा सकता है और हर सभ्य व्यक्ति, सभ्य समाज, सभ्य देश हमेशा वर्तमान को ठीक करता है, जिससे सब कुछ ठीक हो जाता है।

हमारा वर्तमान तभी ठीक होगा, जब हम लोग स्वयं के साथ साथ अन्य लोगों को भी आरएसएस, भाजपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी का त्याग कराएं।