दो दिन पूर्व जारी हुए सिर्फ एक बंदा काफी है के ट्रेलर ने विवाद पैदा कर दिया है। अभी पिछले सप्ताह प्रदर्शित हुई फिल्म द केरला स्टोरी का विवाद थमा भी नहीं था कि सोशल मीडिया मनोज बाजपेयी अभिनीत फिल्म सिर्फ एक बंदा काफी है को लेकर विवाद हो गया है। इस फिल्म के खिलाफ 8 मई को फिल्म का ट्रेलर रिलीज होने के बाद आसाराम बापू ट्रस्ट ने फिल्म के निर्माताओं को कानूनी नोटिस जारी किया है। ट्रस्ट के वकील ने कोर्ट से अनुरोध किया है कि फिल्म के प्रदर्शन और प्रमोशन को कैसे भी करके रोक दिया जाए। वकील का कहना है कि यह फिल्म उनके मुवक्किल आसाराम बापू की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा रही है।
गौरतलब है कि फिल्म में दिखाया गया है कि एक बाबा ने 16 साल की लडक़ी का रेप किया है। चूंकि डिस्क्लेमर में साफ लिखा है कि यह फिल्म सच्ची घटनाओं पर प्रेरित है। फिल्म में दिख रहे बाबा का हुलिया सीधे तौर पर आसाराम से मिलता जुलता है, इसलिए यह अंदाजा लगाया जा सकता है फिल्म आसाराम के विवाद से ही जुड़ी है।
इस पूरे मामले में फिल्म के प्रोड्यूसर आसिफ शेख ने ईटाइम्स से बात करते हुए कहा, हां हमें नोटिस मिला है। अब इस मामले में अगला कदम क्या होगा वो हमारे लॉयर्स तय करेंगे। हमने पीसी सोलंकी पर बायोपिक बनाई है और इसके लिए हमने उनसे राइट्स भी खरीद लिए हैं। अब, अगर कोई आकर कह रहा है कि यह फिल्म उस पर आधारित है तो इसमें हम लोग कुछ नहीं कर सकते। हम किसी की सोच को नहीं रोक सकते। जब फिल्म रिलीज होगी तो सच अपने आप बता देगी। जानकारी के लिए बता दें कि फिल्म 23 मई को ओटीटी प्लेटफॉर्म जी5 पर रिलीज होगी।
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सिर्फ एक बंदा काफी है फिल्म आसाराम के खिलाफ केस लडऩे वाले वकील पीसी सोलंकी पर आधारित है। फिल्म में मनोज बाजपेयी ने उन्हीं का किरदार निभाया है। पीसी सोलंकी का पूरा नाम पूनमचंद सोलंकी है। पीसी सोलंकी वो शख्स हैं जिन्होंने आसाराम केस में रेप विक्टिम की तरफ से पैरवी की। सोलंकी ने न केवल इस केस को लड़ा बल्कि उस बच्ची को न्याय भी दिलाया। सोलंकी 2014 में इस केस से जुड़े थे। उन्होंने इस केस के लिए पीडि़त पक्ष से किसी प्रकार की फीस नहीं ली थी। अपितु केस के सिलसिले में दिल्ली व अन्य जगहों तक के चक्कर उन्होंने अपने पैसे खर्च करके लगाए।
इस दौरान उन्हें केस छोडऩे को लेकर लालच और धमकियां भी मिली, लेकिन उन्होंने इसकी परवाह नहीं की। यही वजह रही कि आज आसाराम जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा है। आसाराम की तरफ से देश के नामचीन और दिग्गज वकीलों ने केस की पैरवी की। इन वकीलों के सामने पीसी सोलंकी ने बड़ी सूझबूझ के साथ विक्टिम का पक्ष रखा और बिना डरे केस को अंजाम तक पहुंचाया।
आसाराम पर लगा था नाबालिग से बलात्संग का आरोप, उम्रकैद की सजा काट रहा आसाराम के गुनाहों का सबसे पहले पता 2013 में चला था। अगस्त 2013 में एक नाबालिग लडक़ी ने आसाराम पर रेप का मुकदमा दर्ज कराया था। उसके मां-बाप का आरोप था कि आसाराम ने बेटी को भूत-प्रेत के झाड़-फूंक के नाम पर दुष्कर्म किया। दरअसल उस लडक़ी से कहा गया था कि तुम्हारे ऊपर भूत प्रेत का साया है और इसे सिर्फ आसाराम बाबू ही ठीक कर सकते हैं।
पीडि़त लडक़ी 15 अगस्त 2013 आसाराम के जोधपुर स्थित आश्रम गई। उसी दिन आसाराम ने लडक़ी के साथ बलात्कार किया। 20 अगस्त 2013 को विक्टिम के मां-बाप ने एफआईआर कराई। पांच साल बाद अप्रैल 2018 में जोधपुर की कोर्ट में वो मुजरिम पाया गया और सजा के तौर पर उसे आजीवन कारावास हो गई।
मिडिया इनपुट