याद है शराबी फिल्म का फूलचंद तड़फ नमक हलाल के दाद्दु याने की ओम प्रकाश एक ऐसा चरित्र अभिनेता जिसे के किरदार को भुलाया नहीं जा सकता
बॉलीवुड ने दुनिया को खूब गुदगुदाने और चमकने वाले सितारे दिए हैं। इंडस्ट्री में कई ऐसे कलाकार हैं जिन्होंने अभिनय के स्तर को हमेशा से ऊंचा रखा है। हिंदी सिनेमा में एक से बढ़कर एक कलाकार हैं, लेकिन गुजरे जमाने के कुछ सितारे ऐसे भी थे जिन्होंने आने वाली पीढ़ी को अभिनय का पाठ पढाया। हम बात कर रहे हैं दिग्गज अभिनेता ओम प्रकाश की, जिन्होंने 60-70 के दशक में एक से बढ़कर एक फिल्में कीं और अपनी प्रतिभा से हर किसी के दिल पर राज किया। आज उनके जन्मदिन के मौके पर आपको उनसे जुड़ी कुछ खास बातें बताते हैं-
बॉलीवुड ने दुनिया को खूब गुदगुदाने और चमकने वाले सितारे दिए हैं। इंडस्ट्री में कई ऐसे कलाकार हैं जिन्होंने अभिनय के स्तर को हमेशा से ऊंचा रखा है। हिंदी सिनेमा में एक से बढ़कर एक कलाकार हैं, लेकिन गुजरे जमाने के कुछ सितारे ऐसे भी थे जिन्होंने आने वाली पीढ़ी को अभिनय का पाठ पढाया। हम बात कर रहे हैं दिग्गज अभिनेता ओम प्रकाश की, जिन्होंने 60-70 के दशक में एक से बढ़कर एक फिल्में कीं और अपनी प्रतिभा से हर किसी के दिल पर राज किया। आज उनके जन्मदिन के मौके पर आपको उनसे जुड़ी कुछ खास बातें बताते हैं-
ओम प्रकाश शुरुआती दौर में रामलीला में भाग लिया करते थे। उन्होंने स्टेज पर सबसे पहला एक्ट रामलीला में ही किया था, जिसमें उनका किरदार ‘सीता’ का था। वर्ष 1937 में उन्होंने एक आरजे के रूप में ऑल इंडिया रेडियो ज्वॉइन किया, जहां उन्हें मासिक 25 रुपए सैलरी मिलती थी। उनका ये रेडियो शो लाहौर और पंजाब में काफ़ी पॉपुलर हुआ था। ओम ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत साल 1942 में की थी।
इसके बाद वर्ष 1950 से 1980 तक उन्होंने सपोर्टिंग एक्टर के रूप में कई यादगार किरदार निभाए, जिसके लिए उन्हें कई अवॉर्ड्स भी मिले। ओम प्रकाश साल 1964 में रिलीज़ हुई फिल्म ‘जहान आरा’ के प्रोड्यूसर भी रहे। उन्हें अपने करियर की पहली फिल्म के लिए मात्र 80 रुपए तनख्वाह के रूप में मिले थे। वो उस दौर की एक साइलेंट फिल्म थी, जिसमें उन्होंने बहुत ही छोटा किरदार निभाया था।
अमिताभ बच्चन के साथ भी ‘शराबी’, ‘जंजीर’, ‘नमक हलाल’, ‘अलाप’, ‘परवाना’, ‘दो और दो पांच’, ‘चुपके-चुपके’ जैसी फिल्मों में नज़र आए थे। इसके अलावा ओम प्रकाश ने ‘चमेली की शादी’, ‘साधू और संत’, ‘तेरे घर के सामने’, ‘आंधी’, ‘लोफर’, ‘पड़ोसन’, ‘हावड़ा ब्रिज’, ‘घर-घर की कहानी’, ‘सास भी कभी बहू थी’, ‘मेरा नाम जोकर’, ‘पूरब और पश्चिम’, ‘नौकर बीवी का’ और ‘अमर प्रेम’ जैसी कई हिट फिल्मों में काम किया।
21 फ़रवरी, 1998 को 80 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ने की वजह से ओम प्रकाश ने मुंबई के लीलावती अस्पताल में आखिरी सांस ली और इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया।