तीसरे बच्चे पर 50 हजार की खुशखबरी: पैदा होते ही हो जाएगी FD, जानें पात्रता और शर्तें
राजस्थान : राजस्थान के माहेश्वरी समाज में घटती जनसंख्या की समस्या से निपटने के लिए अखिल भारतीय माहेश्वरी सेवा सदन, पुष्कर ने एक अनूठी पहल शुरू की है. इस पहल के तहत, समाज में तीसरी संतान होने पर दंपती को 50,000 रुपये की फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) प्रदान की जाएगी.

राजस्थान : राजस्थान के माहेश्वरी समाज में घटती जनसंख्या की समस्या से निपटने के लिए अखिल भारतीय माहेश्वरी सेवा सदन, पुष्कर ने एक अनूठी पहल शुरू की है. इस पहल के तहत, समाज में तीसरी संतान होने पर दंपती को 50,000 रुपये की फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) प्रदान की जाएगी. इस महत्वाकांक्षी योजना का उद्देश्य माहेश्वरी समाज की जनसंख्या को बढ़ावा देना और सामाजिक एकता को मजबूत करना है. भीलवाड़ा के इन्द्रप्रस्थ टॉवर में आयोजित एक समारोह में सात परिवारों को इस योजना के तहत 50-50 हजार रुपये की FD प्रदान की गई.
कार्यक्रम में अखिल भारतीय माहेश्वरी सेवा सदन के अध्यक्ष रामकुमार भूतडा के निर्देश पर यह पहल लागू की गई. समारोह में महासभा कार्यसमिति सदस्य कैलाश कोठारी, पुष्कर सेवा सदन उपाध्यक्ष अनिल बांगड़, भीलवाड़ा जिला माहेश्वरी सभा अध्यक्ष अशोक बाहेती, कार्यकारिणी सदस्य सुरेश कचौलिया, संजय जागेटिया, विशेष आमंत्रित सदस्य रमेश राठी, मनोहरलाल अजमेरा, कृष्णगोपाल सोडानी, लक्ष्मीनारायण काबरा, अशोक चेचाणी और पंकज पोरवाल सहित कई समाजजन उपस्थित थे. उपाध्यक्ष अनिल बांगड़ ने बताया कि यह निर्णय सेवा सदन की वार्षिक साधारण सभा में लिया गया था, जिसका उद्देश्य समाज की घटती जनसंख्या को बढ़ाना है.
माहेश्वरी समाज का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व
माहेश्वरी समाज राजस्थान का एक प्रतिष्ठित वैश्य समुदाय है, जो व्यापार, शिक्षा और सामाजिक सेवा में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए जाना जाता है. परंपरा के अनुसार, इस समाज की उत्पत्ति 11वीं-12वीं शताब्दी में हुई, जब 72 क्षत्रियों ने एक युद्ध के बाद हिंसा का मार्ग त्यागकर वैश्य धर्म अपनाया. यह समाज भगवान महेश (शिव) के नाम पर स्थापित हुआ और इसने व्यापार, सेवा और धर्म को अपने जीवन का आधार बनाया. मारवाड़ क्षेत्र से उत्पत्ति होने के बावजूद, माहेश्वरी समाज आज देश और दुनिया के विभिन्न हिस्सों में फैला हुआ है और अपने संगठित ढांचे और सामाजिक उत्तरदायित्व के लिए जाना जाता है.
जनसंख्या वृद्धि की चुनौती
हाल के वर्षों में, माहेश्वरी समाज में जनसंख्या वृद्धि दर में कमी देखी गई है. संयुक्त राष्ट्र की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत की कुल जनसंख्या 2025 में 1.46 अरब तक पहुंचने की उम्मीद है लेकिन प्रजनन दर 1.9 तक गिर गई है, जो प्रतिस्थापन स्तर (2.1) से नीचे है. यह स्थिति ना केवल माहेश्वरी समाज बल्कि कई अन्य समुदायों के लिए भी चिंता का विषय है. माहेश्वरी समाज ने इस चुनौती का सामना करने के लिए तीसरी संतान को प्रोत्साहन देने की यह अनोखी पहल शुरू की है. इस योजना के तहत, तीसरी संतान के जन्म पर परिवार को 50,000 रुपये की FD दी जाएगी, जो बच्चे के भविष्य के लिए एक आर्थिक सहायता के रूप में काम करेगी.
पहल का प्रभाव और भविष्य
भीलवाड़ा में आयोजित समारोह में सात परिवारों को इस योजना का लाभ मिला, जिसने समाज में एक सकारात्मक संदेश दिया. यह पहल ना केवल आर्थिक सहायता प्रदान करती है, बल्कि सामाजिक जागरूकता भी बढ़ाती है. अनिल बांगड़ ने कहा कि यह योजना समाज के हर तबके तक पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा, ताकि अधिक से अधिक परिवार इसका लाभ उठा सकें. इस पहल को लेकर सोशल मीडिया पर भी चर्चा हो रही है, जहां कुछ लोग इसे जनसंख्या वृद्धि के लिए एक प्रेरणादायक कदम बता रहे हैं, जबकि कुछ इसे सामाजिक और आर्थिक दबावों के परिप्रेक्ष्य में देख रहे हैं.(एजेंसी)