रविवार के बाद आता है सोमवार – बुधवार या शनिवार क्यों नहीं?, वैदिक ज्योतिष में छिपा है इसका राज

Why Monday Comes After Sunday : सप्ताह में 7 दिन होते हैं. रविवार, सोमवार, मंगलवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार और शनिवार, ये सप्ताह के 7 दिन हैं. कैलेंडर में आपने देखा होगा कि सप्ताह की शुरूआत रविवार से होती है,

रविवार के बाद आता है सोमवार – बुधवार या शनिवार क्यों नहीं?, वैदिक ज्योतिष में छिपा है इसका राज

Why Monday Comes After Sunday : सप्ताह में 7 दिन होते हैं. रविवार, सोमवार, मंगलवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार और शनिवार, ये सप्ताह के 7 दिन हैं. कैलेंडर में आपने देखा होगा कि सप्ताह की शुरूआत रविवार से होती है, जो शनिवार पर जाकर खत्म होता है. क्या आपने कभी सोचा है कि रविवार सबसे पहले क्यों आता है? रविवार के बाद सोमवार ही क्यों आता है? रविवार के बाद बुधवार, गुरुवार या शनिवार क्यों नहीं आता है? इस सवाल का जवाब वैदिक ज्योतिष में है, जो आपके मन की इस जिज्ञासा को शांत कर सकता है.

संडे के बाद मंडे के पीछे क्या है लॉजिक?

राज्यसभा सांसद और भाजपा के नेता डॉ. सुधांशु त्रिवेदी को राजनीति के साथ ज्योतिष, धर्म और अन्य विषयों पर भी अच्छी पकड़ है. एक वीडियो में उन्होंने बताया है कि सप्ताह में सबसे पहले रविवार का दिन क्यों आता है? रविवार से ही सप्ताह की शुरूआत क्यों होती है? सोमवार या गुरुवार से क्यों नहीं?

डॉ. सुधांशु त्रिवेदी कहते हैं कि सप्ताह में 7 दिन होते हैं, संडे के बाद मंडे, मंडे के बाद ट्यूजडे, ट्यूजडे के बाद वेडनेसडे, वेडनेसडे के बाद थर्सडे क्यों आता है? यह तो पूरी दुनिया मानती है. अब आप बताएं कि इसके पीछे कोई लॉजिक हो तो. संडे का सबसे पहले आना समझ में आता है कि सूर्य सबसे बड़ा ग्रह है इसलिए संडे पहले आता है, लेकिन जो हमसे कहते हैं कि आप भी तो 7 ही ग्रह मानते हैं, लेकिन ग्रह तो 9 होते हैं. आप भी तो सात ही दिन मानते हो, लेकिन सवाल हम से पूछते हो.

डॉ. सुधांशु त्रिवेदी आगे कहते हैं कि अगर सूर्य आकार के आधार पर सबसे बड़ा ग्रह है और उसे पहले होना चाहिए तो आकार के आधार पर दूसरा बड़ा ग्रह बृहस्पति है, इसलिए रविवार के बाद गुरुवार होना चाहिए, तीसरा बड़ा ग्रह शनि है, तो गुरुवार के बाद शनिवार होना चाहिए. यदि ग्रहों के निकटता के आधार पर देखा जाए तो सूर्य के पास बुध ग्रह है, तो रविवार के बाद बुधवार आना चाहिए. लेकिन ऐसा क्यों होता है?

वैदिक ज्योतिष में छिपा है सप्ताह के 7 दिनों के क्रम का राज

वो आगे बताते हैं कि इसका कारण विशुद्ध भारतीय ज्ञान है, वैदिक ज्योतिष में एक चीज है, जिसका नाम है होरा. जो लोग ज्योतिष में थोड़ा बहुत ज्ञान रखते हैं, वे समझते हैं इसके बारे में. होरा शब्द से ही ग्रीक का हॉरोस्कोप शब्द आया है, जिसका अर्थ राशिफल होता है.

होरा के अनुसार, अगर सूर्य की पहली होरा है तो 24 घंटे के बाद जब 25वां घंटा लगेगा तो वह चंद्रमा का होरा होगा. यानि दूसरे दिन जब पहली होरा लगेगी, तो वह चंद्रमा की होरा होगी. फिर चंद्रमा के होरा के बाद जो 25वां घंटा प्रारंभ होगा, यानि तीसरे दिन जब पहली होरा होगी, वो मंगल की होरा होगी. ऐसे ही जब मंगल की होरा खत्म होगी और 25वां घंटा प्रारंभ होगा तो वह बुध की होरा होगी यानि की चौथे दिन की पहली होरा बृहस्पति की होगी.

इस आधार पर देखा जाए तो वैदिक ज्योतिष में होरा की जो गणना का क्रम है कि पहले सूर्य, फिर चंद्र, फिर बुध, फिर गुरु, शुक्र और शनि, उसी के क्रम में सप्ताह के ये 7 दिन रविवार, सोमवार, मंगलवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार और शनिवार आते हैं.

डॉ. सुधांशु त्रिवेदी बताते हैं ​कि जब हम सब के घर में पंडित जी नवग्रह शांति का मंत्र पढ़ते हैं तो सभी ने सुना है ॐ ब्रह्मा मुरारि त्रिपुरांतकारी भानुः शशी भूमिसुतो बुधश्च। गुरुश्च शुक्रः शनि राहुकेतवः सर्वेग्रहाः शांतिकरा भवन्तु ॥ इस मंत्र में भी आप देखें तो सबसे पहले ग्रह आता है भानु यानि सूर्य, शशि यानि चंद्रमा, भूमि सुतो ​यानि भूमि पुत्र मंगल, उसके बाद बुध, फिर गुरु, शुक्र, शनि, राहु और ​केतु. इसमें भी क्रम देखें तो पहले संडे, फिर मंडे, ट्यूजडे, वेडनेसडे का ही क्रम आता है.(एजेंसी)