ग्रंथी बाबा बुड्ढाजी साहिब का जन्मोत्सव रहा तेलीबांधा गुरूद्वारा में कौमी एकता का प्रतीक
ग्रंथी बाबा बुड्ढाजी साहिब का जन्मोत्सव रहा तेलीबांधा गुरूद्वारा में कौमी एकता का प्रतीक
हिंदू, मुस्लिम और ईसाई समाज ने माथा टेक किया अरदास
रायपुर, 25 अक्टूबर। गुरूद्वारा बाबा बुड्ढाजी साहेब तेलीबांधा के प्रधान हरकिशन सिंघ राजपूत ने बताया कि तेलीबांधा स्थित गुरुद्वारा धन-धन बाबा बुड्ढा जी साहब में बाबा बुड्ढा जी साहिब का जन्मोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत सुबह अमृत वेले से हुई, जिसमें गुरबाणी का पाठ और कीर्तन का आयोजन किया गया।
श्री राजपूत ने बताया कि श्रद्धालुओं ने बड़ी संख्या में गुरुद्वारे में उपस्थिति दर्ज कराई और अरदास में हिस्सा लिया। इस अवसर पर गुरुद्वारे में विशेष कीर्तन दरबार का आयोजन किया गया जिसमें दरबार साहिब अमृतसर के हजूरी रागी जत्था भाई जुझार सिंह जी, कथा वाचक भाई जसवंत सिंह जी परवाना, टाडी जत्था भाई मनवीर सिंह जी ने अपनी टीम के साथ और गुरुद्वारा धन-धन बाबा बुड्ढा जी साहब तेलीबांधा के भाई बाज सिंह जी ने अपनी प्रस्तुतियों से संगत को निहाल (भाव-विभोर) किया।
श्री राजपूत ने बताया कि मुख्य ग्रंथी द्वारा बाबा बुड्ढा जी साहिब के जीवन और उनके योगदान पर प्रवचन दिए गए, जिसमें उन्होंने बताया कि बाबा बुड्ढा जी सिख इतिहास के महान संतों में से एक थे, जिन्होंने गुरु नानक देव जी से लेकर गुरु हरगोबिंद साहिब जी तक की सेवा की, उनका सिख धर्म में महत्वपूर्ण स्थान है।
श्री राजपूत ने बताया कि हिंदू, मुस्लिम एवं ईसाई समाज के आर्च बिशप हेनरी - छ.ग. हैड, शफीक अहमद खान - जमाते इस्लामी छग हैड, मोबिन खान - जमाते इस्लामी, सेबेस्टियन - सचिव सर्व आस्था मंच, हसैनी हसन - सर्व आस्था मंच, जान राजेश पाल - अध्यक्ष चर्च कोर्ट सेंटपाल कैथ्रेडल, एड?वोकेट आदित्य झा, शैलेन्द्र सिंह कौशल, प्रेम शंकर गौंठिया, एडवोकेट फैजल रिजवी, मोहम्मद सिराज - आल इंडिया मुस्लिम फाउंडेशन ने उपस्थित होकर कौमी एकता का परिचय देते हुए, सर्वधर्म एकता की बात करते हुए गुरुद्वारा में माथा टेक कर अरदास में शामिल हुए।
हिंदू, मुस्लिम और ईसाई समाज ने माथा टेक किया अरदास
रायपुर, 25 अक्टूबर। गुरूद्वारा बाबा बुड्ढाजी साहेब तेलीबांधा के प्रधान हरकिशन सिंघ राजपूत ने बताया कि तेलीबांधा स्थित गुरुद्वारा धन-धन बाबा बुड्ढा जी साहब में बाबा बुड्ढा जी साहिब का जन्मोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत सुबह अमृत वेले से हुई, जिसमें गुरबाणी का पाठ और कीर्तन का आयोजन किया गया।
श्री राजपूत ने बताया कि श्रद्धालुओं ने बड़ी संख्या में गुरुद्वारे में उपस्थिति दर्ज कराई और अरदास में हिस्सा लिया। इस अवसर पर गुरुद्वारे में विशेष कीर्तन दरबार का आयोजन किया गया जिसमें दरबार साहिब अमृतसर के हजूरी रागी जत्था भाई जुझार सिंह जी, कथा वाचक भाई जसवंत सिंह जी परवाना, टाडी जत्था भाई मनवीर सिंह जी ने अपनी टीम के साथ और गुरुद्वारा धन-धन बाबा बुड्ढा जी साहब तेलीबांधा के भाई बाज सिंह जी ने अपनी प्रस्तुतियों से संगत को निहाल (भाव-विभोर) किया।
श्री राजपूत ने बताया कि मुख्य ग्रंथी द्वारा बाबा बुड्ढा जी साहिब के जीवन और उनके योगदान पर प्रवचन दिए गए, जिसमें उन्होंने बताया कि बाबा बुड्ढा जी सिख इतिहास के महान संतों में से एक थे, जिन्होंने गुरु नानक देव जी से लेकर गुरु हरगोबिंद साहिब जी तक की सेवा की, उनका सिख धर्म में महत्वपूर्ण स्थान है।
श्री राजपूत ने बताया कि हिंदू, मुस्लिम एवं ईसाई समाज के आर्च बिशप हेनरी - छ.ग. हैड, शफीक अहमद खान - जमाते इस्लामी छग हैड, मोबिन खान - जमाते इस्लामी, सेबेस्टियन - सचिव सर्व आस्था मंच, हसैनी हसन - सर्व आस्था मंच, जान राजेश पाल - अध्यक्ष चर्च कोर्ट सेंटपाल कैथ्रेडल, एड?वोकेट आदित्य झा, शैलेन्द्र सिंह कौशल, प्रेम शंकर गौंठिया, एडवोकेट फैजल रिजवी, मोहम्मद सिराज - आल इंडिया मुस्लिम फाउंडेशन ने उपस्थित होकर कौमी एकता का परिचय देते हुए, सर्वधर्म एकता की बात करते हुए गुरुद्वारा में माथा टेक कर अरदास में शामिल हुए।