खेत में बिना ड्राइवर दौड़ेगा ट्रैक्टर: किसानों के लिए वरदान साबित होगी यह तकनीक
नई दिल्ली : खेती-किसानी अब केवल पारंपरिक मेहनत तक सीमित नहीं रही। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और स्मार्ट तकनीकों की मदद से अब खेती को न सिर्फ आसान बल्कि किफायती और पर्यावरण के अनुकूल भी बनाया जा रहा है।

नई दिल्ली : खेती-किसानी अब केवल पारंपरिक मेहनत तक सीमित नहीं रही। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और स्मार्ट तकनीकों की मदद से अब खेती को न सिर्फ आसान बल्कि किफायती और पर्यावरण के अनुकूल भी बनाया जा रहा है। इस दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए पंजाब कृषि विश्वविद्यालय ने एक ड्राइवर-असिस्टेड ट्रैक्टर तकनीक विकसित की है, जो खेतों की जुताई बिना ड्राइवर के कर सकेगा।
इस तकनीक में एक ग्लोबल नेविगेशन सेटेलाइट सिस्टम (जीएनएसएस) आधारित ऑटो-स्टीयरिंग सिस्टम का इस्तेमाल किया गया है। इसमें तीन मुख्य कंपोनेंट्स होते हैं, जिनमें जीपीएस रिसीवर, व्हील एंगल सेंसर और एक मोटराइज्ड स्टीयरिंग यूनिट, जिसे आईपैड या टैबलेट के ज़रिए नियंत्रित किया जा सकता है।
यह प्रणाली किसानों के लिए बेहद फायदेमंद बताई जा रही है। इसके अनुसार इस प्रणाली के बाद ड्राइवर की आवश्यकता नहीं होगी, थकान रहित जुताई हो सकेगी, ईंधन की बचत होगी और पर्यावरण के लिए बेहतर होने के साथ ही साथ हर मौसम और प्रकाश में काम करने की क्षमता होने से काम आसान हो जाएगा। यह तकनीक खेती को आधुनिक, स्मार्ट और सटीक बनाने की दिशा में एक क्रांतिकारी पहल मानी जा रही है। आने वाले समय में यह किसानों के लिए न सिर्फ श्रम से राहत देगी, बल्कि उत्पादन लागत को भी काफी हद तक घटा सकती है।
कैसे काम करती है ये तकनीक?
इस सिस्टम को ट्रैक्टर में इंस्टॉल करने के बाद, किसान को अपने खेत की मैपिंग करनी होती है। खेत की लंबाई-चौड़ाई, लोकेशन जैसे विवरण सिस्टम में फीड करने के बाद, ट्रैक्टर अपने आप पहले से तय रास्ते पर खेत की जुताई करता है। यह सिस्टम कम रोशनी में भी एकसमान संचालन सुनिश्चित करता है। चालक की जरूरत केवल शुरू में स्टीयरिंग थामने तक होती है, उसके बाद ट्रैक्टर स्वतः कार्य करता है।
सभी ट्रैक्टरों में इस्तेमाल संभव
पीएयू के वाइस चांसलर डॉ. सतबीर सिंह गोसल के अनुसार, यह तकनीक किसी भी क्षमता के ट्रैक्टर में लगाई जा सकती है। इसे रोटावेटर, हल, हैरो, कल्टीवेटर सहित विभिन्न कृषि उपकरणों के साथ प्रयोग कर सफल परिणाम प्राप्त किए गए हैं। आगे चलकर यह तकनीक सीड ड्रिल, बेलर, स्प्रेयर आदि के साथ भी काम करेगी।(एजेंसी)