पाकिस्तान में पानी का हाहाकार: भारत से पंगा पड़ रहा भारी

पाकिस्तान के लिए पानी एक बड़ी मुसीबत बन चुका है। फिलहाल तो वह बाढ़ की तबाही से जूझ रहा है। लेकिन भविष्य की तस्वीर और भी खतरनाक है। जिस तरह से यहां पर जल संकट गहरा रहा है, आशंका है कि आने वाले वक्त में पाकिस्तान बूंद-बूंद पानी के लिए तरसेगा।

पाकिस्तान में पानी का हाहाकार: भारत से पंगा पड़ रहा भारी

पाकिस्तान के लिए पानी एक बड़ी मुसीबत बन चुका है। फिलहाल तो वह बाढ़ की तबाही से जूझ रहा है। लेकिन भविष्य की तस्वीर और भी खतरनाक है। जिस तरह से यहां पर जल संकट गहरा रहा है, आशंका है कि आने वाले वक्त में पाकिस्तान बूंद-बूंद पानी के लिए तरसेगा। पाकिस्तान के पास कोई ऐसा इंतजाम नहीं है कि वह बारिश और बाढ़ के पानी को स्टोर कर सके। वहीं, भारत द्वारा सिंधु नदी का पानी रोके जाने से उसके लिए हालात पहले से ही मुश्किल हैं। पाकिस्तानी अखबार डॉन के मुताबिक इन सबके बीच कुछ ऐसी रिपोर्ट्स आई हैं, जो दिखाती हैं कि भविष्य में पाकिस्तान में पानी की किस कदर किल्लत होने वाली है।

बेहद मुश्किल हैं हालात

पर्यावरण वैज्ञानिकों ने लगातार चेतावनी दी है कि दक्षिण एशिया में बाढ़ और सूखे का चक्र लगातार चलता रहेगा। ऐसे में पर्याप्त पानी भंडारण न होने से पाकिस्तान की परेशानी बढ़नी तय है। यहां के शहरी और ग्रामीण, दोनों इलाकों में पानी की कमी लगातार है। वॉटर पॉवर्टी इंडेक्स के मुताबिक पाकिस्तान फिलहाल दुनिया में 15वां ऐसा देश है, जहां पानी की कमी है। वहीं, एक अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठन इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन फॉर माइग्रेशन के मुताबिक साल 2035 तक पाकिस्तान पानी के लिए तरसने वाली हालत में आ जाएगा।

लगातार घट रहा पानी

वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड-पाकिस्तान की रिपोर्ट के मुताबिक यहां पर लगातार पानी घटता जा रहा है। इसके मुताबिक साल 1947 में पाकिस्तान के पास 5600 क्यूबिक मीटर पानी होने का अनुमान था। वहीं, साल 2023 में घटकर 930 क्यूबिक रह गया है। संयुक्त राष्ट्र की फूड एंड एग्रीकल्चरल ऑर्गनाइजेशन भी इसी तरफ इशारा करता है। इसके मुताबिक पाकिस्तान में पानी की कमी, दुनिया में सबसे ज्यादा है। स्थिति इतनी खतरनाक है कि आने वाले वक्त में यहां सर्वाइव करना आसान नहीं होगा।

सिंधु जल समझौता रद्द होने से कैसे मुश्किल

इन सबके बीच भारत ने सिंधु जल समझौता रद्द करके पाकिस्तान का पानी रोक दिया है। इस समझौते से पाकिस्तान को सिंधु, झेलम और चेनाब के पानी पर अधिकार मिलता था। यहां से मिलने वाले पानी से पाकिस्तान की 80 फीसदी कृषि जरूरतें और बिजली पैदा करने के लिए एक तिहाई जरूरत पूरी हो जाती थी। लेकिन मौजूद हालात में अब पाकिस्तान के लिए परेशानी बढ़ चुकी है।(एजेंसी)