रायपुर, 30 अक्टूबर। भारतीय प्रबंध संस्थान (भा.प्र.सं.) रायपुर ने बताया कि सीखने-केंद्रित प्रबंधन पढ़ाने की विधि पर एक शिक्षक विकास कार्यक्रम (एफडीपी) का आयोजन किया। इस विशेष कार्यक्रम का उद्देश्य शिक्षकों को उन्नत कौशल और तकनीकों से सशक्त बनाना है, ताकि वे प्रबंधन शिक्षा को और प्रभावी व रोचक बना सकें। इस कार्यक्रम में शिक्षकों को केस-आधारित पढ़ाई, सिमुलेशन तकनीक के साथ अनुभव, और पाठ्यक्रम डिज़ाइन की कला सिखाई जाती है। यह कार्यक्रम दो चरणों में बाँटा गया है, जिसमें इंटरएक्टिव लर्निंग पर जोर दिया गया है ताकि शिक्षक अपने छात्रों के लिए बेहतर सीखने के परिणाम प्राप्त कर सकें और उद्योग की आवश्यकताओं के अनुसार शिक्षा प्रदान कर सकें।
आईआईएम रायपुर ने बताया कि यह कार्यक्रम दो गहन चरणों में विभाजित है। चरण ढ्ढ, जो 24-26 अक्टूबर 2024 के दौरान आयोजित किया गया, पाठ्यक्रम डिज़ाइन स्टूडियो था, जिसमें प्रभावी प्रबंधन पाठ्यक्रम तैयार करने पर ध्यान दिया गया। इस चरण का मार्गदर्शन प्रतिष्ठित शिक्षकों द्वारा किया गया, जहां प्रतिभागियों ने कार्यशालाओं में भाग लिया और वास्तविक व्यावसायिक चुनौतियों से जुड़े पाठ्यक्रम विकसित किए।
रायपुर, 30 अक्टूबर। भारतीय प्रबंध संस्थान (भा.प्र.सं.) रायपुर ने बताया कि सीखने-केंद्रित प्रबंधन पढ़ाने की विधि पर एक शिक्षक विकास कार्यक्रम (एफडीपी) का आयोजन किया। इस विशेष कार्यक्रम का उद्देश्य शिक्षकों को उन्नत कौशल और तकनीकों से सशक्त बनाना है, ताकि वे प्रबंधन शिक्षा को और प्रभावी व रोचक बना सकें। इस कार्यक्रम में शिक्षकों को केस-आधारित पढ़ाई, सिमुलेशन तकनीक के साथ अनुभव, और पाठ्यक्रम डिज़ाइन की कला सिखाई जाती है। यह कार्यक्रम दो चरणों में बाँटा गया है, जिसमें इंटरएक्टिव लर्निंग पर जोर दिया गया है ताकि शिक्षक अपने छात्रों के लिए बेहतर सीखने के परिणाम प्राप्त कर सकें और उद्योग की आवश्यकताओं के अनुसार शिक्षा प्रदान कर सकें।
आईआईएम रायपुर ने बताया कि यह कार्यक्रम दो गहन चरणों में विभाजित है। चरण ढ्ढ, जो 24-26 अक्टूबर 2024 के दौरान आयोजित किया गया, पाठ्यक्रम डिज़ाइन स्टूडियो था, जिसमें प्रभावी प्रबंधन पाठ्यक्रम तैयार करने पर ध्यान दिया गया। इस चरण का मार्गदर्शन प्रतिष्ठित शिक्षकों द्वारा किया गया, जहां प्रतिभागियों ने कार्यशालाओं में भाग लिया और वास्तविक व्यावसायिक चुनौतियों से जुड़े पाठ्यक्रम विकसित किए।